*अमूल्य रतन* 17 अव्यक्त मुरली दिनांक: 17 अप्रैल 1969 *वर्तमान समय का पाठ* अव्यक्त रूप से स्नेह को लेना और स्नेह से सर्विस का सबूत देना है। 01. अव्यक्त स्नेह ही याद की यात्रा को बल देता है। 02. अव्यक्त स्नेह ही अव्यक्ति स्थिति बनाने की मदद देता है। *परिस्थिति और स्व स्थिति* 01. पुरुषार्थRead more